DNA Chronicles: Where Science Meets Imagination / DNA क्रॉनिकल्स: विज्ञान और कल्पना का संगम" Part 2

गुप्त प्रयोग का खुलासा (फ्लैशबैक)

[सीन फ्लैशबैक में चला जाता है...]
हमें अब यह पता चलता है कि 1970 में शुरू हुई डीएनए एडिटिंग रिसर्च को कुछ गुप्त वैज्ञानिकों ने बहुत आगे बढ़ा दिया था।
कुछ शक्तिशाली लोग, सरकार से छिपकर एक ऐसे स्थान पर रिसर्च कर रहे थे जहाँ वे इंसानों के डीएनए को बदलकर Superpower पैदा कर सकें।
उन्होंने यह प्रयोग कई लोगों पर ज़बरदस्ती किया।
कुछ लोगों को इससे शक्तियाँ मिलीं, तो कुछ लोग मारे भी गए।
ये वैज्ञानिक बहुत निर्दयता से लोगों को पकड़कर उन पर प्रयोग करते थे।
इन्हीं शक्तिशाली लोगों ने, सरकार को झूठा सहयोग देने के बहाने कई डीएनए एडिटिंग सैटेलाइट्स स्पेस में भेजे थे।
उनके साथ कुछ सरकारी कर्मचारी भी मिले हुए थे।


विश्वास और सुमति का जुड़ना इस प्रयोग से

[अब सीन वापस लौटता है – विश्वास और सुमति के उस सीन में...]
जब विश्वास और सुमति मशीन पर हाथ रखे होते हैं, उसी समय सैटेलाइट से एक स्पेशल रेडिएशन सिग्नल उनके गाँव में भेजा जाता है।
मोबाइल टावर लगाने वाली कंपनी के कुछ सदस्य भी इन लोगों से मिले होते हैं।
वे भी टावर से एक खास तरह का रेडिएशन छोड़ते हैं, ताकि सैटेलाइट का सिग्नल सही से फैल सके।
उसी समय, एक गंभीर गड़बड़ी हो जाती है।
सैटेलाइट रेडिएशन और टावर का रेडिएशन आपस में मिलकर बिजली की चमकती लहर से टकरा जाते हैं।
इन तीनों के मिलने से एक नया प्रकार का पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज वाला करेंट  बनता है।
जैसे ही यह बिजली जमीन की ओर आती है, विश्वास का एंटीना उसे खींच लेता है।
क्योंकि मशीन एंटीना से जुड़ी थी, यह करेंट  सीधे विश्वास और सुमति के शरीर में चला जाता है।
इससे उनके शरीर में नए डीएनए मॉलिक्यूल्स बन जाते हैं।
बाद में जब उनके बीच शारीरिक संबंध होता है, तो यह डीएनए मॉलिक्यूल्स सुमति के गर्भ में पहुँच जाते हैं।
इन्हीं नए डीएनए से जन्म होता है देव का, जिसके रक्त में ये शक्तिशाली अणु मौजूद होते हैं।


देव की शक्ति का सक्रिय होना

[सीन वापस वर्तमान में आता है — देव पर...]

हमें एक साइंटिस्टों की टीम दिखाई जाती है, जब देव उस गरीब आदमी के अन्याय के बारे में सोचकर गुस्से में होता है, उसी समय वैज्ञानिकों की टीम गलती से उसी इलाके में स्पेस से डीएनए एडिटिंग सैटेलाइट तरंगें छोड़ देती है। 


यह रेडिएशन देव के अंदर मौजूद डीएनए मॉलिक्यूल्स को एक्टिवेट कर देता है।

अब उसकी शक्तियाँ जाग्रत हो जाती हैं।

वह सिर्फ हल्का सा दौड़ता है,

सीन कंटीन्यूज़...

जैसे ही देव दौड़ते हुए रुकता है, उसे हल्का-सा चक्कर आता है।

और फिर अचानक से देव ज़मीन पर गिर जाता है।

फिर देव की आँखें धीरे-धीरे खुलती हैं।

देव थोड़ा कराहते हुए उठता है, वो इधर-उधर नज़र घुमाता है।

चारों तरफ खेत हैं।

 हल्की हवा चल रही है, और खेत में फसलें लहरा रही हैं।

 देव हैरान होता है — "मैं यहां कैसे पहुंच गया? मैं तो बस हल्का सा दौड़ा था..."

 वो उठकर थोड़ा आगे बढ़ता है।

 थोड़ी दूर पर, उसे एक किसान खेत में काम करता दिखता है — फावड़ा चलाते हुए।

 देव पास जाकर पूछता है —

 "चाचा जी, ये कौन-सा गांव है?"

 किसान बिना रुके, काम करते-करते कहता है —

 "श्यामकोल... ये गांव श्यामकोल है बेटा..."

 देव की आंखों में हैरानी और उलझन साफ़ झलकती है।

 देव को स्मार्टफोन का ध्यान आता है और स्मार्टफोन निकालता है और उसकी लोकेशन देखता है जिससे पता चलता है कि वह पल भर में ही 400 किलोमीटर दूर एक अनजान जगह पहुँच गया है।

 देव की अनजानी ताकत: घर लौटने की जद्दोजहद

देव की हैरानी

देव अब तक समझ चुका था कि उसके अंदर कुछ अजीब-सी सुपर पावर है।
लेकिन यह कैसे काम करती है और इसमें कौन-कौन सी ताकतें शामिल हैं — यह अभी तक साफ़ नहीं था।


घर में इंतज़ार करती माँ

सीन बदलता है और हमें देव के घर का दृश्य दिखाया जाता है।
घर के अंदर, देव की माँ कुछ काम कर रही होती हैं।
उनकी नज़र दीवार पर लगी घड़ी पर जाती है, और उनके मन में ख्याल आता है —
"अभी तक देव घर क्यों नहीं आया?"

थोड़ी चिंता भी होती है, लेकिन वह खुद को समझाती हैं कि शायद देव किसी दोस्त के घर चला गया होगा।
स्कूल की छुट्टी को एक घंटा से ज़्यादा हो चुका था, और देव अब तक घर नहीं लौटा था।


देव की वापसी की कोशिश

सीन कट होता है और हमें देव दिखाई देता है।
वह सोच में डूबा है —
"मैं यहाँ कैसे पहुँच गया? ये तो मेरे घर से 400 किलोमीटर दूर है!"

समय ज़्यादा हो चुका है, इसलिए अब वह घर लौटने का फैसला करता है।
मोबाइल में लोकेशन चेक करते हुए वह धीरे-धीरे घर की दिशा में बढ़ने लगता है।
वह ध्यान से रास्ता देख रहा है कि किस दिशा से जाना होगा।


अकेली जगह की तलाश

चलते-चलते देव ऐसी जगह ढूँढता है जहाँ आसपास कोई इंसान न हो।
थोड़ी दूर जाकर उसे एक खाली इलाका मिलता है।
वह सोचता है कि यहाँ पर स्पीड से दौड़कर घर पहुँचा जा सकता है।

लेकिन कई बार कोशिश करने के बावजूद वह तेज़ नहीं दौड़ पाता।
तभी उसके दिमाग में आता है —
"शायद फिल्मों और कहानियों में देखा है कि जब तक मन पूरी तरह शांत न हो, ताकत काम नहीं करती।"


पहली बार पावर का इस्तेमाल

वह अपने मन को स्थिर करने की कोशिश करता है।
दो-तीन बार कोशिश करने के बाद, अचानक वह तेज़ी से दौड़ता है और कुछ ही सेकंड में अपने घर के आंगन में पहुँच जाता है।

जैसे ही वह वहाँ पहुँचता है, उसकी चाल धीमी हो जाती है और उसे चक्कर आने लगते हैं।
वह तुरंत वहीं बैठ जाता है।


माँ की चिंता

उसी समय, उसकी माँ कचरा फेंकने के लिए बाहर आती हैं।
देव को बैठा देख, वह जल्दी से कचरा रखकर उसके पास जाती हैं और पूछती हैं —
"बेटा, क्या हुआ?"

देव हल्की आवाज़ में कहता है —
"कुछ नहीं माँ, बस थोड़ा चक्कर आ रहा है।"

जब माँ पूछती हैं कि वह अब तक कहाँ था, तो देव सोचता है कि सच बता दे।
लेकिन उसे डर होता है कि माँ घबरा जाएँगी, इसलिए झूठ बोल देता है —
"मैं दोस्त के घर गया था… यहाँ आते-आते चक्कर आ गया, तो बैठ गया।"


घर के अंदर

माँ उसका हाथ पकड़कर उठाती हैं और घर के अंदर ले जाती हैं।
चलते-चलते पूछती हैं —
"तुम इतने कमजोर कैसे हो गए?"

देव थोड़ा सच और थोड़ा झूठ मिलाकर जवाब देता है —
"आज बहुत दौड़ लगाई… शायद उसी से हो रहा है।"

घर पहुँचते ही माँ उसे कुर्सी पर बैठाती हैं, पानी लाकर देती हैं और कहती हैं —
"जाओ, थोड़ा आराम करो।"

माँ को लगता है कि देव थक गया है, लेकिन देव जानता है कि यह उसकी ताकत का असर है।
वह अपने कमरे में चला जाता है और लेटकर सोचने लगता है कि यह पावर आखिर है क्या और कैसे काम करती है।

To be continued…"
(इसके आगे की कहानी अगले भाग में देखने को मिलेगी)

लेखक: प्रकाश राने


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