जब कल्पना हकीकत से टकराई – एक अनोखी कहानी
प्रस्तावनादोस्तों, आज की दुनिया बेहद तेज़ी से विकसित हो रही है।
हम ऐसी चीजें देख रहे हैं, जिनकी हम कभी सिर्फ कल्पना कर सकते थे —
लेकिन अब वो हमारे सामने हैं और हमारे आने वाले कल को और बेहतर बना रही हैं।
हमने कई साइंस फिक्शन फिल्में और कहानियाँ देखी हैं।
ऐसी ही एक कहानी आज मैं आपको सुनाने जा रहा हूँ —
एक ऐसी रोमांचक यात्रा, जहाँ विज्ञान, भावना और भविष्य का मेल होता है।
ऐसी कहानी न पहले देखी होगी, न सुनी होगी।
फ्लैशबैक: 1970 में DNA एडिटिंग की शुरुआत
1970 में डीएनए एडिटिंग पर रिसर्च शुरू हुई, जिसमें कई कंपनियाँ शामिल थीं।
शुरुआत पौधों से हुई —
ताकि किसी भी पेड़ की फसल अधिक उपज दे सके,
और एक ही पेड़ पर अलग-अलग किस्म के फल विकसित किए जा सकें।
इसके बाद जानवरों पर रिसर्च शुरू हुई।
उदाहरण के लिए, सामान्य गाय की ऊँचाई घटाकर 0.9 से 1.5 मीटर कर दी गई —
ताकि वो छोटे घरों में,छोटी गलियों और सीमित जगहों में भी पाली जा सके,
और उसकी देखभाल आसान हो।
फिर इंसानों के डीएनए पर भी काम शुरू हुआ:
डीएनए को गहराई से समझना
जन्मजात बीमारियों (जैसे सिकल सेल एनीमिया, बीटा थैलेसीमिया, और कुछ कैंसर समस्याएं) को ठीक करना
- शारीरिक क्षमता बढ़ाना
 - आंखों का रंग बदलना
 - लंबाई को नियंत्रित करना
 - दिमाग की शक्ति बढ़ाना
 - नॉर्मल बालों को घुंघराले बनाना
 
यह सब डीएनए एडिटिंग के माध्यम से किया गया —
और इसमें लगातार नई रिसर्च जुड़ती गई।
भविष्य की दुनिया: अत्याधुनिक भारत
अब कहानी वर्तमान में आ जाती है —एक ऐसा भविष्य जहाँ भारत एक अत्याधुनिक और तकनीकी रूप से शक्तिशाली देश बन चुका है।
यहाँ वैज्ञानिक, रोबोट्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सुपरटेक हॉस्पिटल हर जगह मौजूद हैं।
बड़े-बड़े ऑपरेशन जो पहले घंटों लगते थे, अब कुछ ही मिनटों में हो जाते हैं।
लेकिन: भारत के कुछ गाँव अब भी अपनी संस्कृति, परंपरा और मूल्यों से जुड़े हैं।
गाँव की दुनिया और मुख्य किरदार
हमें एक गाँव दिखाया जाता है —सुंदर, हरियाली से घिरा, एक शांत जगह जहाँ लोग प्रेम से रहते हैं।
यहाँ एक छोटा-सा घर है —
उसमें रहते हैं नवविवाहित जोड़े सुमति और विश्वास।
सुमति: एक स्नेही, समझदार गृहिणी है। वह स्वादिष्ट खाना बनाती है और आस-पास के गाँवों में पार्सल भेजती है — यानी एक छोटा-सा किचन बिज़नेस चलाती है।
विश्वास: एक वैज्ञानिक है। वह पास के रिसर्च सेंटर में काम करता है।
उसे टेक्नोलॉजी, मशीनों और विज्ञान का गहरा ज्ञान है।
वह एक खास मशीन पर रिसर्च कर रहा है — जिसका नाम है:
“इलेक्ट्रो-माइंड टच सिस्टम”
मशीन का उद्देश्य और विश्वास का सपना
इस मशीन का मकसद था इंसानी शरीर में मौजूद स्टैटिक एनर्जी को पहचानना,उसे शरीर में जमा करना, और फिर मन के इशारे से बाहर छोड़ पाना।
यह मशीन वैन डी ग्राफ जनरेटर जैसी है — लेकिन उससे कहीं अधिक शक्तिशाली।
विश्वास ने घर की छत पर एक खास एंटीना लगाया है —
जो अल्ट्रा हाई स्पीड नेटवर्क पकड़ता
है। हालांकि उस एरिये में नेटवर्क की कोई कमी नहीं थी। लेकिन अल्ट्रा हाई स्पीड पकड़ने के लिए लगाया गया है और कोई भी आसमानी बिजली को भी खींच सकता है।
बिजली, मशीन और वो एक रात...
छह महीने पहले, जंगल के पास एक नया नेटवर्क टावर लगाया गया था।
विश्वास का मशीन बनाने का सिलसिला
दृश्य:विश्वास कबाड़ से पुरानी बैटरियाँ, रेडियो पार्ट्स, तार इकट्ठा कर
बना चूका है —
धातु की डोम जैसी संरचना, जिसमें सेंसर और बल्ब लगे हैं।
मशीन पूरी नहीं बनी थी, लेकिन वह लगातार प्रयोग कर रहा था।
कई बार उसे करेंट भी लगता है, लेकिन वह हार नहीं मानता।
कुछ महीनों के बाद पहली बार मशीन का चलना
दृश्य: एक दिनविश्वास वही वर्कशॉप मशीन के सामने खड़ा है।
इसके शरीर में कुछ मशीन के तार। सर पर एक डिवाइस।
वह हाथ बढ़ाकर मशीन के गोल मेटल डोम पर रखता है।
एक हल्की सी चिंगारी और फिर —
"टिक...!"
बल्ब जल उठता है।
मशीन के केमिकल चैंबर में कुछ रंग-बिरंगे तरल एक दूसरे में मिल रहे हैं।
सिर के पास लगे वायर अब नीली रोशनी छोड़ते हैं।
विश्वास (खुश होकर):
"हो गया… ये काम कर गया!"
मशीन की सभी डिवाइस को अपने शरीर से हटाकर
वह दौड़कर डायरी में कुछ नोट करता है
"ऊर्जा का प्रवेश शरीर में हुआ। मन से नियंत्रण संभव। बाहरी प्रभाव कम।"
विश्वास का एक्सपेरिमेंट सफल हो जाता है
यह सब देखकर विश्वास बहुत खुश होता है।वह चाहता है कि उसकी पत्नी सुमति भी यह सफल प्रयोग देखे।
वह उसे बुलाने जाता है,
सुमति को बुलाना
[सीन बदलता है...]
{ “स्थान: वर्कशॉप के बाहर आसमान में }
आसमान में बादल छाए हुए, हल्की-हल्की बिजली कड़क रही है।
टेक्नीशियन दूर मोबाइल टावर पर है
"जल्दी करो यार, ये मौसम खराब हो रहा है।"
विश्वास (सुमति के पास आकर, प्यार से):
"सुमति, मेरे साथ चलो…
सुमति: प्यार से
"कहाँ…. "
विश्वास (मुस्कुराकर):
"बस चलो ना … कुछ दिखाना है।"
मशीन के पास लौटना
विश्वास उसका हाथ पकड़कर उसे मशीन के पास लाता है।विश्वास: "ये डिवाइस और सेंसर पहन लो," कहता है।
सुमति थोड़ी झिझकती है।
प्रयोग से पहले का डर
सुमति:
ये क्या है
"विश्वास… तुम जो ये बनाए हो… अगर इसमें कुछ गड़बड़ हो गई तो?"
विश्वास आत्मविश्वास के साथ बोलता है, "डरो मत, कुछ नहीं होगा, मैं हूँ ना।"
वह सुमति पर और खुद पर मशीन की सभी चीज़ें लगाता है और बोलता है, "इस मशीन को मैं भी पहन रहा हूँ। बिलकुल मत डरो।"
दोनों एक-दूसरे का हाथ पकड़ते हुए एक हाथ मशीन पर रखते हैं।
बिजली का गिरना और एंटीना मशीन का उद्देश्य और विश्वास का सपना
का काम करनातभी:
संयोग से बिजली ज़ोर से कड़कती है।
बिजली नीचे धरती की ओर गिरने लगती है लेकिन ऊँचा नेटवर्क टावर होने की वजह से उस और बिजली आ रही है। ।
टेक्नीशियन टावर पर है जो चिल्लाते हुए जोर से, "बचाओ!" कहता है — "क्या हमारी मौत यही लिखी थी?"
लेकिन विश्वास का स्पेशल एंटीना उसे खींच लेता है —
एंटीना पर बिजली गिरती है।
सुमति चीखती है लेकिन दोनों टच में होते हैं।
ठीक उसी पल विश्वास और उसकी पत्नी का हाथ मशीन पर होता है। एंटीना में बिजली को स्टोर करने की टेक्नोलॉजी तो थी, लेकिन यह बिजली इतनी ज़्यादा थी कि कुछ करेंट मशीन तक पहुँच जाता है।
झनझनाहट और नीली रोशनी
जिससे दोनों के शरीर में हल्का-सा झनझनाहट होता है। दोनों को शरीर में कुछ अजीब महसूस हो रहा है। लेकिन किसी प्रकार का बिजली का झटका महसूस नहीं होता। तभीमशीन की धातु चमकती है, और एक तेज़ नीली रोशनी दोनों के हाथों से उसके पूरे शरीर में दौड़ जाती है।
लेकिन यह बिजली इतनी ज़्यादा थी कि घर की सभी लाइट बंद हो जाती हैं।
मशीन में आग लगना
और मशीन में बड़ा सा स्पार्क होता है।वे दोनों मशीन की भी चीज़ों को अपने शरीर से हटा देते हैं। तभी मशीन में आग लग जाती है जिस पर काबू नहीं पाया जा सका; इसकी वजह से दोनों को बाहर निकलना पड़ता है।
टेक्नीशियन कहता है, "हे भगवान, धन्यवाद तेरा, हम बाल-बाल बचे।"
भावनात्मक पल
विश्वास वर्कशॉप के बाहर आंगन में निकलकर मशीन को जलता ही देखता रह जाता है, फिर वह अपनी पत्नी की ओर देखकर सुमति को गले लगा लेता है और उसके आँखों में आँसू होते हैं। विश्वास बोलता है, "मुझे माफ़ कर दो, तुम्हें कुछ हुआ तो नहीं न?"सुमति बोलती है, "नहीं, मुझे कुछ नहीं हुआ, लेकिन तुम्हारी मशीन..."
विश्वास बोलता है, "जाने दो जो गया सो हो गया। मशीन के जलने का मुझे दुःख नहीं है, पर मेरी रिसर्च नोटबुक जल गई — उसका मुझे दुःख है।"
सुमति बोलती है, "उस मशीन से एक रोशनी निकल कर हमारे अंदर गई थी — वो क्या थी?"
शक्ति का परीक्षण
विश्वास बोलता है, "हाँ, मैं तो भूल ही गया था।"विश्वास अपनी पत्नी का हाथ पकड़ कर बोलता है कि अपनी उँगली सीधी करो और उस पौधे की ओर अपनी उँगली रखो और अपने मन में उस पत्ती को जलाने का संकेत दो। लेकिन जब सुमति ऐसा करती है तो पत्ती पर कुछ नहीं होता। फिर विश्वास कई बार कोशिश करता है — 2 से 3 बार — और एक हल्की सी बिजली की तरंग पौधे की एक पत्ती पर जाती है और उसे जला देती है। यह देखकर सुमति खुश होती है।
"यह क्या — मेरे अंदर बिजली थी, लेकिन मुझे कुछ हुआ क्यों नहीं?"
विश्वास इसका जवाब देते हुए बोलता है, "इस एनर्जी को मन से कंट्रोल किया जा सकता है। इससे शरीर को कोई भी हानि नहीं पहुँचती है और ना ही दूसरे को टच करने पर उसे कुछ होता है।"
सुमति विश्वास को घर में ले जाती है।
और सुमति खाना बनाते समय सोच रही थी कि विश्वास को इस हादसे से बहुत दुःख तो होगा, लेकिन वह मेरे सामने दिखा नहीं रहा है। इसलिए खाना बनाने के बाद सुमति उसका मन बहलाने के लिए कहती है, "चलो, कोई मूवी देखते हैं।"
फिर दोनों साथ में मूवी देखते हैं और खाना खाते हैं।
रात में जब वे सोने जाते हैं, तो सुमति विश्वास से प्यार भरी बातें करती है।
वो दोनों एक नवविवाहित जोड़े की तरह आपस में प्रेम संबंध बनाते हैं।
खुशखबरी
[इसके कुछ दिनों बाद...]सुमति को पता चलता है कि वह प्रेग्नेंट हो गई है।
वह यह खबर अपने पति विश्वास को बहुत खुशी से बताती है।
विश्वास यह सुनकर बहुत खुश होता है। दोनों के चेहरों पर मुस्कान होती है।
हालाँकि, विश्वास के मन में एक हल्की चिंता भी होती है।
वह सोचता है कि शायद वह अब दोबारा उस मशीन को बना नहीं पाएगा।
लेकिन अब वह यह सब सोचना छोड़ देता है।
उसे लगता है कि अब उसे एक अच्छी नौकरी की तलाश करनी चाहिए — एक ऐसी नौकरी जो उसके आने वाले बच्चे के लिए सुरक्षित भविष्य दे सके।
वह चाहता है कि वह अपने बच्चे की हर जरूरत को पूरा कर सके।
इसलिए विश्वास अब एक नई नौकरी ढूँढने लगता है।
कुछ समय बाद, उसे एक बड़ी और प्रतिष्ठित कंपनी में साइंटिस्ट की पोज़िशन मिल जाती है।
अब वह नियमित रूप से काम पर जाने लगता है।
सुमति भी अब उसके इस फैसले से बहुत खुश होती है।
दोनों मिलकर प्रेम और खुशी से अपना जीवन जीने लगते हैं।
देव का जन्म
[कुछ महीनों बाद...]सुमति एक प्यारे से बेटे को जन्म देती है।
वे उसका नाम रखते हैं – देव।
देव बहुत ही प्यारा, मासूम और समझदार बच्चा होता है।
उसमें एक खास बात यह होती है कि वह किसी भी चीज़ को बहुत जल्दी सीख जाता है।
एक दिन, देव को खेलते-खेलते एक गंभीर चोट लगती है।
ऐसी चोट जिसे ठीक होने में आमतौर पर 4-5 दिन लगते हैं।
लेकिन देव की यह चोट सिर्फ एक दिन में ही पूरी तरह ठीक हो जाती है।
यह देखकर सुमति थोड़ी हैरान हो जाती है।
वह यह बात विश्वास को बताती है।
विश्वास कहता है, “हमारा बेटा अच्छीप्रोटीन वाली चीज़ें खाता है, इसीलिए जल्दी ठीक हो गया होगा।”
यह कहकर वह ज्यादा ध्यान नहीं देता।
देव बचपन से ही स्वभाव से दयालु, लेकिन अपनी उम्र के अन्य बच्चों से ज्यादा ताकतवर और मजबूत होता है।
स्कूल के दिन
[कुछ सालों बाद...]अब देव हाई स्कूल में पढ़ने लगा है।
एक दिन स्कूल से घर लौटते समय, उसके पास से एक कार तेज़ी से निकलती है।
उस कार में कुछ अमीर घरों के लड़के और लड़कियाँ होते हैं, जो नशे में गाड़ी चला रहे होते हैं।
रॉड के किनारे एक गरीब आदमी फलों का ठेला लगाकर फल बेच रहा होता है।
वहीं कार जाकर ठेले से टकरा जाती है, जिससे सारे फल बिखर जाते हैं और खराब हो जाते हैं।
कार रुकती है, और वह गरीब आदमी उन लड़कों पर चिल्लाने लगता है,
“ये क्या कर दिया! मेरी महीनों की कमाई बर्बाद कर दी।”
उसके चिल्लाने पर आसपास के लोग जमा हो जाते हैं।
लेकिन अमीर लड़के उल्टा उसी गरीब को मारने लगते हैं, और कहते हैं,
“तेरी ही गलती है, तूने ठेला रोड के सामने क्यों लगाया था!”
यह सब देव दूर से देख रहा होता है।
उसे बहुत गुस्सा आता है। वह तुरंत उनके पास जाता है और कहता है,
“इन फलों के पैसे दो। गलती तुम्हारी है।”
वहीं का एक स्थानीय आदमी देव को चुपचाप समझाने लगता है,
“बेटा, इनसे मत उलझ, ये किसी नेता के रिश्तेदार हैं। तेरी ज़िंदगी भी मुश्किल कर देंगे।”
लेकिन देव नहीं मानता और उन लड़कों को रोकता है।
तभी वही गरीब फल वाला हाथ जोड़कर रोते हुए कहता है,
“जाने दो बेटा, फल ही थे, फिर आ जाएंगे। लेकिन अगर तू इनसे उलझेगा तो ये तुझे भी बर्बाद कर देंगे।”
देव मजबूरी में वहाँ से निकलने लगता है, लेकिन अंदर से बहुत गुस्से और दुख से भर जाता है।
वह उसी बात को सोचता हुआ घर की ओर चल देता है।
कुछ अजीब होना
देव उस गरीब आदमी के अन्याय के बारे में सोचकर गुस्से में होता है, उसी समय तभी उस इलाके में ऊपर से एक रेडिएशन फैलती है
देव घर जल्दी जाने के लिए सिर्फ हल्का सा दौड़ता है,
तभी एक अजीब जगह में पहुंच जाता है
वह सोचने लगता है, “मैं बस थोड़ा दौड़ा था... तो यहाँ कैसे आ गया?”